Swati Sharma

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वार्षिक प्रतियोगिता कविता 6:- विदाई

वार्षिक प्रतियोगिता 

कविता 6:- विदाई:-

सबको एक पल में रुलाकर
अपनों से बिछड़ने का दर्द जगाकर
गैरों और अनजानों को अपनाकर
सबके हृदय को धड़काकर
आंसुओं की धारा बहाकर
भय और असुरक्षा की भावना जगाकर
बड़े-बड़ों के अनुभव बताकर
अच्छे अच्छों को हिलाकर
हमने आपको एक दुल्हन दिखाई
जो है, ना अपनी ना ही पराई
फिर भी सबके मन को भाई
सबकी एक जैसी ही होती है विदाई।

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4 Comments

Miss Lipsa

06-Mar-2022 11:08 PM

Awesome

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Swati Sharma

08-Mar-2022 11:02 PM

Thank you

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Arshi khan

04-Mar-2022 07:05 PM

Nice

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Swati Sharma

04-Mar-2022 09:48 PM

Thanks

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